शुक्रवार, दिसंबर 31, 2010

मंगल पाठ

We are pleased to inform that Acharya Shri Mahashramanji's New Year Mangal Paath will be telecast live on Sanskar Channel from 07.30 A.M. to 08.00 A.M. on 1st January 2011. On the same day on ETV Rajasthan from 12.00 Noon to 01.00 P.M. watch New year Pravachan of Acharya Shri Mahashramanji, for your information, please.

रविवार, नवंबर 14, 2010

कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?



गुडिया आकर बोली- अंकल! हेप्पी चिल्ड्रनस डे !
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आज़ादी के तिरसठ वर्षो की यह कैसी तस्वीर ?
करोडो बच्चो के पेट में ना अन्न ना तन पर चीर.
ना जाने कितनी बच्चियां गर्भ में मार दी जाती,
जो आती संसार तो कच्ची उम्र में ब्याह दी जाती.
ना जाने हमारी कौन सी है यह मजबूरी ?
कि करवाते हम मासूमों से बाल मजदूरी.
रेस्तरां में लिखते सहसा आवाज़ लगाई आदताना,
अरे ! छोटू क्या कर रहा ? एक चाय तो लाना.
फिर अहसास हुआ यह क्या कर रहा हु मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आया ख़याल कि छोटू से पूछूं क्या तू स्कूल पढ़ेगा ?
देखो सब बढ़ रहे है आगे क्या तू नहीं बढेगा ?
लेकिन दुसरे पल ही शिक्षा पद्धति की आ गयी याद,
हजारो छात्रो की आत्महत्या कर रही जिसकी फ़रियाद.
बच्चो के वजन से उनके बस्तों का वजन है ज्यादा,
हर इक उन्हें जैसे किसी होड़ में लगाने को आमादा.
छोटू को स्कूल जाने के लिए कैसे समझा पाऊं मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?

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बंधुओ - बहिनों ! क्या बाल दिवस मनाना सार्थक हो सकता है जब तक कि करोडो बच्चें कुपोषण, बाल-मजदूरी, बाल-विवाह के शिकार है और जो इनसे बच गए वह शिक्षा पध्धति के शिकार है जिन्हें प्रतियोगिता और परीक्षा का भय आत्महत्या के द्वार पर लाकर खड़ा कर देता है. 
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by:- Sanjay Ji Mehta