रविवार, सितंबर 23, 2012
रविवार, सितंबर 09, 2012
गुडिया आकर बोली- अंकल! हेप्पी चिल्ड्रनस डे !
गुडिया आकर बोली- अंकल! हेप्पी चिल्ड्रनस डे !
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आज़ादी के तिरसठ वर्षो की यह कैसी तस्वीर ?
करोडो बच्चो के पेट में ना अन्न ना तन पर चीर.
ना जाने कितनी बच्चियां गर्भ में मार दी जाती,
जो आती संसार तो कच्ची उम्र में ब्याह दी जाती.
ना जाने हमारी कौन सी है यह मजबूरी ?
कि करवाते हम मासूमों से बाल मजदूरी.
रेस्तरां में लिखते सहसा आवाज़ लगाई आदताना,
अरे ! छोटू क्या कर रहा ? एक चाय तो लाना.
फिर अहसास हुआ यह क्या कर रहा हु मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आया ख़याल कि छोटू से पूछूं क्या तू स्कूल पढ़ेगा ?
देखो सब बढ़ रहे है आगे क्या तू नहीं बढेगा ?
लेकिन दुसरे पल ही शिक्षा पद्धति की आ गयी याद,
हजारो छात्रो की आत्महत्या कर रही जिसकी फ़रियाद.
बच्चो के वजन से उनके बस्तों का वजन है ज्यादा,
हर इक उन्हें जैसे किसी होड़ में लगाने को आमादा.
छोटू को स्कूल जाने के लिए कैसे समझा पाऊं मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आज़ादी के तिरसठ वर्षो की यह कैसी तस्वीर ?
करोडो बच्चो के पेट में ना अन्न ना तन पर चीर.
ना जाने कितनी बच्चियां गर्भ में मार दी जाती,
जो आती संसार तो कच्ची उम्र में ब्याह दी जाती.
ना जाने हमारी कौन सी है यह मजबूरी ?
कि करवाते हम मासूमों से बाल मजदूरी.
रेस्तरां में लिखते सहसा आवाज़ लगाई आदताना,
अरे ! छोटू क्या कर रहा ? एक चाय तो लाना.
फिर अहसास हुआ यह क्या कर रहा हु मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
आया ख़याल कि छोटू से पूछूं क्या तू स्कूल पढ़ेगा ?
देखो सब बढ़ रहे है आगे क्या तू नहीं बढेगा ?
लेकिन दुसरे पल ही शिक्षा पद्धति की आ गयी याद,
हजारो छात्रो की आत्महत्या कर रही जिसकी फ़रियाद.
बच्चो के वजन से उनके बस्तों का वजन है ज्यादा,
हर इक उन्हें जैसे किसी होड़ में लगाने को आमादा.
छोटू को स्कूल जाने के लिए कैसे समझा पाऊं मैं ?
मन ठिठका, सोचा कैसे बाल-दिवस मनाऊ मैं ?
---------------------------------------------बंधुओ - बहिनों ! क्या बाल दिवस मनाना सार्थक हो सकता है जब तक कि करोडो बच्चें कुपोषण, बाल-मजदूरी, बाल-विवाह के शिकार है और जो इनसे बच गए वह शिक्षा पद्धति के शिकार है जिन्हें प्रतियोगिता और परीक्षा का भय आत्महत्या के द्वार पर लाकर खड़ा कर देता है.
---------------------------------------------
संजय वैद मेहता जो इस कविता के रचनाकार है वे जैन तेरापंथ न्यूज (JTN) के संस्थापकद्वय में एक संस्थापक होने के साथ साथ स्पष्टवादि व्यक्तित्व के धनी है।
शनिवार, सितंबर 08, 2012
सोमवार, सितंबर 03, 2012
शनिवार, अगस्त 25, 2012
Profile of Mr. Alok Dugar
Mr. Alok Dugar is a expert lecturer and trainer, called by NGOs and institutions. Although he speaks well on many topics like personality development, Team spirit and tuning betterment (Karyakarta Prashikshan)
in social institutions, Event management, Logistics and management etc.
yet his special interest and emphasis is on VASTUSHASTRA, of which he is a veteran practitioner and TELECASTED NATIONWIDE IN INDIA SEVERAL TIMES. He has been published in the leading Hindi Daily of North Eastern states, ‘Janapath Samachar’of Siliguri, continuously almost
for a month.
Settled in Bihar, Mr.Dugar, is Secretary of ‘Nepal-Bihar Jain Swetamber Terapanthi Sabha’ and Earstwhile,Vice-President of ‘Sri Jain Swetamber Terapanthi Sabha, Forbesganj’.
He has been heard formally at places like Kishanganj, Siliguri, Islampur, Purnea, Araria etc. as Chief / Sole speaker and occasionally at many other places like Biratnagar, Katihar etc. too.
He is a man of Science by academics (education); of Commerce by background and occupation;
of Arts by heart (staged poet and published writer); of Metaphysics (Adhyatma) and Philanthropy by nature/instinct.
The Theme and Topic with speciality
Today the world believes in either of the two theories. One is ‘Karmafalvad’ according to which the man gets the result of his past deeds; Good of Good and Bad of Bad. Another theory suggests uses of stones, mantras, jaap, rituals, paatth and anushthans with a strong claim to bring change in state.
The question arises that How and to what extent can these remedial measures interfere with ‘Karmafalvad’, the results of past deeds.
Apparently both the theories may look like contradictory but actually they are not, rather are complementary. This mystery can only be solved with the clear concept of Metaphysics, which is given in best form ONLY IN JAIN PHILOSOPHY, on the basis of which, Mr. Dugar explicate the topic in his lecture.
The very purpose of his effort is to awaken people, who are being attracted to miracles and fall prey to falsehood of other attractions like karmakand, Jyotish, and even vastu, and at the same time, to clarify the facts and explain the occult of so called cherubic and spiritual remedies.
Contect to Mr. Dugar vastusamadhan@gmail.com
शनिवार, जुलाई 21, 2012
शुक्रवार, जून 29, 2012
Mega Blood Donation Drive
About
MBDD
is an Blood Donation and Awareness Drive Conducted for the greater
benefits of the society. The target is to collect 100,000 units on 17th
Sept.
Description
शुक्रवार, मई 25, 2012
अभातेयुप टीम मिली खेल मंत्री से
17 सितम्बर २०१२ का शुभ दिन विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाने वाला एवं यशगाथा गाने वाला बनने जा रहा है. इस रोज एक ही दिन में भारत भर में १ लाख यूनिट रक्त एकत्रित करने की कवायद अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा ‘मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव’ के माध्यम से की जायेगी. यह एक विश्व रिकार्ड होगा. १०० से भी अधिक शहरो में करीब १००० केन्द्रों पर रक्तदान के माध्यम से १००००० रक्त यूनिट एकत्रित किये जायेंगे. सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी श्री सचिन तेंदुलकर इस मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के ब्रांड एम्बेसेडर है. आचार्य श्री महाश्रमण के मानव-कल्याण के सन्देश से प्रेरित हो तेरापंथ युवक परिषद् यह मानव सेवा का कार्य करने जा रही है.
इसके लिए अखिल भारतीय तेयुप के अध्यक्ष श्री संजय खटेड एवं उनकी टीम ने दिल्ली में केन्द्रीय खेल मंत्री अजय माकन से मुलाकात की एवं उन्हें इस जन-कल्याणकारी परियोजना के बारे में अवगत कराया. इधर सूरत में पत्रकारों से रूबरू होते हुए इस कार्यक्रम के कन्वेंनर श्री राजेश सुराना ने बताया कि – “आपात परिस्थितियों में ब्लड बेंको में रक्त यूनिटों की कमी के निवारण एवं मानव कल्याण के उद्देश्य के लिए यह अभियान चलाया जाएगा. इसमें अभातेयुप की नेपाल एवं दुबई की शाखाए भी सहभाग करेंगी.” उन्होंने बताया कि –औद्योगिक शहर सूरत में देश की सबसे बड़ी Blood Data Bank रक्तदाता सुचना संग्रह बैंक तैयार होगी ताकि आपात परिस्थिति में देश के किसी भी कोने से रक्तदाताओ की सुचना शीघ्रता से प्राप्त हो सके. इसके साथ साथ अंग-दान, अवयव-दान आदि भी किये जायेंगे एवं लोगो से व्यसन-मुक्ति के संकल्प पत्र भी भरवाए जायेंगे.
मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के बैनर का विमोचन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से 17 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के बैनर का व पुस्तिका का विमोचन आचार्य की सन्निधि में केंद्रीय मंत्री संदीप बंदोपाध्याय ने किया। मंत्री ने कहा कि हम सभी इस पुनीत कार्य में भाग लेना चाहिए। अभातेयुप के उपाध्यक्ष अविनाश नाहर, संगठन मंत्री राजेश सुराणा व सहमंत्री हनुमान लुंकड़ ने बताया कि इस रक्तदान शिविर के तहत पूरे भारतवर्ष में एक ही दिन में 1 लाख यूनिट रक्त एकत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम के ब्रांड एम्बेसेडर सचिन तेंदुलकर हैं।
बुधवार, मई 09, 2012
सदस्यता लें
संदेश (Atom)