One who does not have new ideas or visions, gets left behind. Development lies at the feet of the one who is able to think along new lines. To discard the old and embrace the new is no principle for that which has utility, may become ancient, but will never be outdated and that which is not useful may be modern and yet old. Utility based development, which is possible only when there is radical thinking, is the first step to progress.
रविवार, फ़रवरी 22, 2009
गुरुवार, दिसंबर 25, 2008
लेख प्रतियोगिता संघ विकाश में युवाशक्ति का योगदान
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित लेख प्रतियोगिता संघ विकाश में युवाशक्ति का योगदान पर ५०० शब्दों में लेख लिख कर १८ जनवरी तक स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद् कार्यालय में या उपाशक पंकज दुधोडिया के पास जमा करा सकते है ।
जल्द कलम उठे
आपकी लिखे जल्द लेख
इंतजार में पंकज है
पाने आप का आलेख ।
पंकज दुधोडिया
9339514474
रविवार, दिसंबर 07, 2008
बुधवार, नवंबर 19, 2008
मंगलवार, नवंबर 11, 2008
वक़्त करता कुछ दगा या तुम दगा करते कभी
वक़्त करता कुछ दगा या तुम दगा करते कभी
साथ चलते और तो हम भी बिछड़ जाते कभी
आजकल रिश्तों में क्या है , लेने देने के
सिवाखाली हाथों को यहाँ, दो हाथ न मिलते कभी
थक गये थे तुम जहाँ वो आख़िरी था इम्तिहा
दो कदम मंज़िल थी तेरी काश तुम चलते कभी
दो कदम मंज़िल थी तेरी काश तुम चलते कभी
कुरबतें ज़ंज़ीर सी लगती उसे अब प्यार में
चाहतें रहती जवाँ, गर हिज़ृ में जलते कभी
कल सिसक के हिन्दी बोली ए मेरे बेटे कहो
क्यूँ शरम आती है तुमको, जो मुझे लिखते कभी
आजकल मिट्टी वतन की रोज कहती है मुझे
लौट आओ ए परिंदों, शाम के ढलते कभी
श्रद्धा जैन
सदस्यता लें
संदेश (Atom)