निष्ठावान कार्यकर्ता मतलब क्या ??
Ans: तेजपत्ता
कोई भी सब्जी बनाते समय सबसे पहले उसे ही डाला जाता है
और..
उसी सब्जी को खाते समय सबसे पहले उसे ही खींचकर बाहर फेंका जाता है !!
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चापलूस कार्यकर्ता मतलब क्या ??
Ans: हरा धनिया
कोई भी सब्जी बनाते समय सबसे बाद मे प्रस्तुत करने के समय डाला जाता है
और..
फिर सब्जी के सारे स्वाद का श्रेय वही ले जाता है !
प्रिय भाई अमित कांकरिया के व्हाट्सएप्प ग्रुप अपना फैमली से प्राप्त प्रिय भाई पंकज पटवा का ये संदेश (कार्यकर्ता का मतलब) पढ़कर लगा कि लिखने वाले ने क्या सटीक उदाहरण के साथ यह चिंतन प्रस्तुत किया है।
मेरी दृष्टि में यह उदाहरण कटु किंतु कड़वा सच है जो सिर्फ संगठन में ही लागू नही हमारे दैनिक व्यवहारिक जीवन मे भी लागू होता है।
एक बार अगर हम तेजपत्ता को ईमानदारी / नैतिकता माने और हरा धनिया को बेईमानी / अनैतिकता मान ले तो आज के दौर में हम देख सकते है ईमानदारी / नैतिकता से कार्य करने वालो को अधिक श्रम करना पड़ता है, कतार में लगना पड़ता है, वही बेईमानी / अनैतिकता से काम करने वाला दुसरो के द्वारा किये कार्यों का श्रेय चापलूसी / छल / कपट से खुद का बना पूर्ण कर लेता है और वाहवाही भी बटोर लेता है।
यह भेद हम हर कार्य क्षेत्र में देखते है बस हमें चिंतन यह करना है कि हम दो पथ हो / दो रास्ते हो तो किस पथ को / रास्ते को अपनाएंगे।
हम तेजपत्ता बनना चाहेगे या हरा धनिया यह चिंतन स्वयं को स्वयं से करना है क्योकि स्वयं की चेतन आत्मा हमें सही गलत का राह दिखाती है पर हम स्वार्थ, लोभ, आकांछा के वश में फँसकर अंतरमन की बात को नही सुन वर्तमान की चकाचौंध की आवाज में खो जाते है।
श्री कृष्ण में गीता में कहा कर्म कर फल की चिंता ना कर को मैं यो कहूँ की हमें तेजपत्ता ज्यूँ निष्ठावान कार्यकर्ता बन कार्य करना चाहिए जिससे हम कर्मो की मार से भी बच सके। अगर हम हरा धनिया ज्यों चापलूस कार्यकर्ता बनेंगे तो हो सकता है हम किसी और का श्रेय खुद के नाम से भुना लोकप्रियता भी हो सकते है पर बाद में उसे उसके द्वारा किये छल कपट के कर्मो से उसे कौन बचा पायेगा।
एक गीत का मुखड़ा स्मृति में आ रहा है -
मनुज कर्मो का नौकर है,
राजा राणा सब नीचे है करनी ऊपर है, मनुज कर्मो का नौकर है।।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के प्रतापी सूर्य 11वें आचार्य श्री महाश्रमण जी कई बार श्रावक कार्यकर्ता बनने के संदर्भ में कहते है। जब हम श्रावक कार्यकर्ता बनने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे तो कर्मो को भी समझ पाएंगे तो आइए हम सब कर्मो को समझ चापलूस कार्यकर्ता की जगह निष्ठावान कार्यकर्ता बनें। ताकि नकली हीरा ज्यों चमक नहीं, असली हीरे ज्यों चमक हमारे आत्मार्थी जीवन में आ सके।