"मुदित" बने, ले दीक्षा तुम ।
हे "महाप्रज्ञ" पट्टधारी जय हो,
"महाश्रमण" लो अभिनंदन तुम ।।
झूमर नेमा के हो नन्दन,
कुल "दुगड़" बड़भागी है ।
जन्म लिया सरदारशहर में,
धन्य हुई यह माटी है ।।
"तुलसी" गुरु की कृपा पाई,
संयम रत्न का मिला वरदान ।
चतुर्दशी वैशाख शुक्ल दिन,
अध्यात्म "सुमेर" चढ़े सौपान ।।
"तुलसी-महाप्रज्ञ" की प्रतिकृति,
हे महाश्रमण ! अभिनंदन ।
मुदित भाव से दीक्षा दिवस पर,
हे ज्योतिचरण ! तुम्हें करते वंदन ।।
रचनाकार : श्री पवन फुलफगर, संपादन टीम सदस्य, अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें