"कहते हैं कि मुसीबत कभी अकेले नहीं आती, उसके बाल-बच्चे भी साथ होते हैं । अभी एक कठिनाई से छूटे नहीं कि दूसरी आ धमकी। जीवन एक संग्राम है । इसे कायरों को भी लड़ना पड़ता है, शूरवीरों को भी । कठिनाइयां, दुःख, मुसीबतें ऐसे ही शत्रु हैं, जिनसे हमें लड़ना ही पड़ेगा । इनसे पीछा छुड़ाना असंभव है, फिर इन्हें साहस के साथ क्यों न ललकारें ? क्यों न वीर योद्धाओं के समान इनसे जूझें ? जीवन-संग्राम में वही विजय पाता है, जो कठिनाइयों से रक्त की अंतिम बूंद रहने तक, जीवन की अंतिम सांस तक लड़ता है । जीवन का श्रेय भी इसी में है कि मुसीबतों में घबराएं नहीं, उनके साथ संघर्ष करें ।"
साभार ; श्री गजेंद्र नाहटा (Whatsapp ग्रुप के माध्यम से)