नागपुर, 27 सितंबर 2021, अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का दूसरा दिन, जीवन विज्ञान दिवस। कार्यक्रम की शुरुआत, महिला मंडल ने अणुव्रत गीत से की। साध्वी रिद्धि श्री जी ने उद्बोधन में कहा - शारीरिक मानसिक भावनात्मक विकास जरूरी है। सुंदर उदाहरण द्वारा उन्होंने बहुत अच्छे ढंग से समझाया। जीवन बिना लक्ष्य के, बिना उद्देश्य के, तथा बिना जीने की कला आए, व्यर्थ है। साध्वी वर्धमान श्री जी ने अपने उदबोधन में फरमाया - जीवन जीने की कला, बिना प्रयोग के संभव नहीं है। उन्होंने सुंदर गीतिका द्वारा प्रेक्षा ध्यान का महत्व समझाया। कुछ प्रयोग करवाएं। साथ ही श्वास प्रेक्षा तथा श्वास स्वर के द्वारा चिकित्सा कैसे कर सकते हैं, बताया। शरीर आपका ऑर्डर मानता है। बस दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ प्रयोग करें। सफलता जरूर मिलेगी। मंच संचालन प्रेक्षा ट्रेनर जतन जी मालू ने किया। साथ ही उन्होंने प्राणिक हीलिंग का छोटा सा सुंदर प्रयोग भी कराया।
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