अंबिकापुर। अणुव्रत आंदोलन के गौरवशाली 75वर्ष पर अणुव्रत अमृत महोत्सव 2023 मनाया जा रहा है। अणुव्रत समिति ने मंगलवार को सरगुजा प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अणुव्रत ऐसा आंदोलन है, जिसमें ना तो चक्काजाम होता है, ना ही कोई प्रदर्शन। यह आंदोलन देश को दिशा देने वाला है। अणुव्रत अमृत महोत्सव के तहत 21 फरवरी को महारैली निकाली जाएगी। इसके साथ-साथ वर्ष भर जागरूकता के कार्यक्रम किए जाएंगे। स्लोगन व अन्य कार्यक्रमों में पर्यावरण शुद्धि, पानी बचाओ, चित्रकला के माध्यम से संयमित जीवन कैसे जी सकते हैं उसे सिखाया जाएगा। सभी कार्यक्रम स्कूली बच्चों को साथ लेकर किए जाएंगे। समिति की संयोजक ममोल कोचेटा ने बताया कि छोटी-छोटी बातों को प्रेरणादायक बनाकर हम बच्चों को अच्छा जीवन दे सकते हैं। उन्होंने कहा बच्चों को जिस ढांचे में ढाला जाए वे उसी में ढलेंगे। अणुव्रत का उद्देश्य बच्चों को संस्कार देना है। 16 वर्षों से वे अणुव्रत का कार्यक्रम कर रही हैं। उन्होंने बताया सबसे पहले दो स्कूलों से इसकी शुरुआत की गई थी, अब लगभग 27 स्कूल इस आयोजन में भागीदारी करते हैं। उन्होंने कहा प्रभु बनकर ही हम प्रभु की पूजा कर सकते हैं। महोत्सव के तहत एक मार्च को संयम दिवस भी मनाया जाएगा क्योंकि अणुव्रत संयम और त्याग पर आधारित है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान समिति के अध्यक्ष राजरूप, मंत्री धनपत कुमार मनहोत, प्रचार प्रसार मंत्री हनुमान मल डागा, तकनीकी प्रभारी नीलू बाला, ज्योत्सना पालोलकर, सुषमा जयसवाल, पूर्णिमा, शीला जैन, मीरा गहलोत, भारती वैष्णव सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
गुरुवार, फ़रवरी 02, 2023
सोमवार, जनवरी 30, 2023
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डा. सी. वी. आनंद बोस जी से राजभवन में मुनि श्री जिनेश कुमार जी की शिष्टाचार भेंटवार्ता
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी एवं सहवर्ती मुनिश्री परमानंद जी, मुनिश्री कुणाल कुमार जी राजभवन पधारने पर राज्यपाल डा.सी.वी. आनंद बोस जी से शिष्टाचार भेंट एवं वार्तालाप कार्यक्रम समायोजित हुआ।
वार्तालाप के दौरान मुनि श्री जिनेशकुमार जी ने राज्यपाल डा. सी. वी. आनन्द बोस जी को जैन धर्म, तेरापंथ धर्मसंघ, आचार्य श्री भिक्षु आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी, आचार्य श्री महाश्रमण जी, अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अहिंसा यात्रा आदि के बारे में मौलिक जानकारी देते हुए संघीय संस्थाओं एवं सेवा कार्यों से परिचित कराया। वार्तालाप के दौरान मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा - भारतीय संस्कृति के चार स्तंभ है-चरित्र, समानता, स्वतंत्रता. भाईचारा । इन चारों स्तंभों पर भारतीय संस्कृति का महल टिका हुआ है। आचार्यश्री महाश्रमण जी की अहिंसा यात्रा के तीन उद्देश्य सद्भावना नैतिकता और नशामुक्ति देश के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इंसान में इंसानियत बनी रहे यह बहुत अपेक्षित है।
वार्तालाप के दौरान राज्यपाल डा. सी.वी. आनंद बोस जी ने कहा मैं जैन धर्म का विशेष सम्मान करता हूँ। जैन समाज - का देश के विकास में अहम् योगदान है। जैन समाज जो कार्य करता है उसमें नैतिकता विशेष रूप से जुड़ी हुई होती है। मैं आपको राजभवन में कार्यक्रम करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।राज्यपाल महोदय ने बहुत ही रूचि के साथ मुनि श्री से वार्तालाप किया और जैन धर्म के सन्दर्भ में जानकारी भी प्राप्त की ।
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष अजय भंसाली ,भेंटवार्ता के योजनाकार अमित जैन तातेड़, अ.भा. ते.यु.प. के कार्यकारिणी सदस्य सुनील दुगड, कोलकाता मेन ते.यु.प. के अध्यक्ष ऋषभ सुराणा, काम्या दुगड़, अभिषेक मणोत ऋषभ कोठारी, अंकित मणोत विशेष रूप से उपस्थित थे। राज्यपाल महोदय का साहित्य द्वारा सम्मान किया गया कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से सम्पादित करने में रवि बैद भागलपुर का विशिष्ट योगदान रहा।
गुरुवार, नवंबर 17, 2022
विद्यालय वह मन्दिर जहाँ तराशी जाती है बच्चों की प्रतीभा - अर्हत कुमार जी
विद्यालय वह पावन मंदिर है यहां अनगढ़ पत्थर आते है जो टीचर की पैनी-छैनी के द्वारा एक मूर्ती के रुप मे निर्मित होते है। विद्यालय जहां बच्चे शिक्षित होते है और इनकी शिक्षा को जीवन में अपनाने वाले विकसित होते है। विद्यालय वह पावन धाम है जो बच्चों के जीवन को परिमार्जित कर उसे एक उसके जीवन को सुहावना, लुभावना, मनभावना बना देता है। आपने आगे कहा- बच्चों को अपने स्वर्णीम भविष्य के निर्माण के लिए जिन्दगी मे नशे से बचना चाहिए। रोज सुबह मात-पिता का आर्शीवाद लेना चाहिए। अपनी प्रतिभा का विकास कर अपने गुणो का ग्राफ बढ़ाना चाहिए। मुनि श्री ने सभी बच्चों को नशा मुक्त जीवन जीने के संकल्प करवाए।
युवा संत मुनि भरत कुमार जी ने सभी मे जोश भरते हुए कहा जो करता है महाप्राण ध्वनि का अभ्यास उसका होता है विकास, जो करता है जीवन विज्ञान वो बनता है महान।
बाल संत जयदीप कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये।
आज सुबह मुनि श्री 17 KM का विहार कर कलम्बेला Government Higher Primary School मे पधारे। जहाँ के अनिल कुमार D ने मुनि श्री जी का स्वागत किया और उनके आगमन को अपना सौभाग्य माना। मुनि श्री के सेवा मे तेयुप बेंगलुरु से रजत बैद, रमेश सालेचा, दीपक गादिया, कुलदीप सोलंकी, धीरज सेठिया ने रास्ते की सेवा का लाभ लिया । मुनि श्री के सानिध्य मे कैसे हो भारत के भविष्य का निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुनिश्री अर्हत कुमारजी ने बच्चों को अणुव्रत के नियम दिलवाए व मुनिश्री भरत कुमारजी ने विद्यार्थियों को जीवन विज्ञान व प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाये । हिन्दी से कन्नड़ मे अनुवाद रजत वैद ने किया। महिला मंडल कि ओर से लता गादिया और बिमला भंसाली उपस्थित रहे।कार्यक्रम मे 10 शिक्षकों व अच्छी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया।
गुरुवार, नवंबर 10, 2022
संस्कारी बेटी तेरापंथ की कार्यक्रम का आयोजन : भुज
सोमवार, सितंबर 27, 2021
नागपुर में मनाया गया जीवन विज्ञान दिवस
नागपुर, 27 सितंबर 2021, अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का दूसरा दिन, जीवन विज्ञान दिवस। कार्यक्रम की शुरुआत, महिला मंडल ने अणुव्रत गीत से की। साध्वी रिद्धि श्री जी ने उद्बोधन में कहा - शारीरिक मानसिक भावनात्मक विकास जरूरी है। सुंदर उदाहरण द्वारा उन्होंने बहुत अच्छे ढंग से समझाया। जीवन बिना लक्ष्य के, बिना उद्देश्य के, तथा बिना जीने की कला आए, व्यर्थ है। साध्वी वर्धमान श्री जी ने अपने उदबोधन में फरमाया - जीवन जीने की कला, बिना प्रयोग के संभव नहीं है। उन्होंने सुंदर गीतिका द्वारा प्रेक्षा ध्यान का महत्व समझाया। कुछ प्रयोग करवाएं। साथ ही श्वास प्रेक्षा तथा श्वास स्वर के द्वारा चिकित्सा कैसे कर सकते हैं, बताया। शरीर आपका ऑर्डर मानता है। बस दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ प्रयोग करें। सफलता जरूर मिलेगी। मंच संचालन प्रेक्षा ट्रेनर जतन जी मालू ने किया। साथ ही उन्होंने प्राणिक हीलिंग का छोटा सा सुंदर प्रयोग भी कराया।
रविवार, सितंबर 26, 2021
अणुव्रत समिति नागपुर ने किया संप्रदायिक सौहार्द दिवस का आयोजन
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी, द्वारा 26 सितंबर से 2 अक्टूबर अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह प्रतिवर्ष मनाया जाता है। आज दिनांक 26 सितंबर, रविवार को अणुव्रत समिति नागपुर ने केंद्र द्वारा निर्देशित संप्रदायिक सौहार्द दिवस का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री समीक्षा प्रभा जी,धृति प्रभा जी और राज श्री जी द्वारा अणुव्रत गीत से किया गया। नागपुर अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र जी पटावरी ने अपने वक्तव्य में स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि मैं अणुव्रत का कार्यकर्ता हूँ। उन्होंने और भी अणुव्रत संबंधित जानकारी दी। साध्वी श्री जी द्वारा वक्तव्य, कविता तथा गीत का संगान किया गया। विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों का वक्तव्य हुआ। साध्वी चंदनबाला जी ने उद्बोधन में कहा - जब प्रकृति, कुदरत अपनी उर्जा देने में भेदभाव नहीं करते हैं ,तो फिर हम क्यों करें। साथ ही कहा संप्रदायिकता घातक है।केवल प्रोग्राम लेने मात्र से कुछ नहीं होगा, अपितु स्वयं में सुधार करना पड़ेगा। आपके व्यवहार में आचार में नैतिकता दिखनी चाहिए। नैतिकता से शुन्य जीवन का कोई अर्थ नहीं है।
ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा (हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई) अलग-अलग गेट अप में आ, सौहार्द सद्भावना का संदेश दिया। प्रोग्राम का कुशल संचालन मंत्री श्रद्धा जवेरी ने किया ।