गुरुवार, फ़रवरी 02, 2023

अणुव्रत का उद्देश्य बच्चों को संस्कार देना



अंबिकापुर। अणुव्रत आंदोलन के गौरवशाली 75वर्ष पर अणुव्रत अमृत महोत्सव 2023 मनाया जा रहा है। अणुव्रत समिति ने मंगलवार को सरगुजा प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अणुव्रत ऐसा आंदोलन है, जिसमें ना तो चक्काजाम होता है, ना ही कोई प्रदर्शन। यह आंदोलन देश को दिशा देने वाला है। अणुव्रत अमृत महोत्सव के तहत 21 फरवरी को महारैली निकाली जाएगी। इसके साथ-साथ वर्ष भर जागरूकता के कार्यक्रम किए जाएंगे। स्लोगन व अन्य कार्यक्रमों में पर्यावरण शुद्धि, पानी बचाओ, चित्रकला के माध्यम से संयमित जीवन कैसे जी सकते हैं उसे सिखाया जाएगा। सभी कार्यक्रम स्कूली बच्चों को साथ लेकर किए जाएंगे। समिति की संयोजक ममोल कोचेटा ने बताया कि छोटी-छोटी बातों को प्रेरणादायक बनाकर हम बच्चों को अच्छा जीवन दे सकते हैं। उन्होंने कहा बच्चों को जिस ढांचे में ढाला जाए वे उसी में ढलेंगे। अणुव्रत का उद्देश्य बच्चों को संस्कार देना है। 16 वर्षों से वे अणुव्रत का कार्यक्रम कर रही हैं। उन्होंने बताया सबसे पहले दो स्कूलों से इसकी शुरुआत की गई थी, अब लगभग 27 स्कूल इस आयोजन में भागीदारी करते हैं। उन्होंने कहा प्रभु बनकर ही हम प्रभु की पूजा कर सकते हैं। महोत्सव के तहत एक मार्च को संयम दिवस भी मनाया जाएगा क्योंकि अणुव्रत संयम और त्याग पर आधारित है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान समिति के अध्यक्ष राजरूप, मंत्री धनपत कुमार मनहोत, प्रचार प्रसार मंत्री हनुमान मल डागा, तकनीकी प्रभारी नीलू बाला, ज्योत्सना पालोलकर, सुषमा जयसवाल, पूर्णिमा, शीला जैन, मीरा गहलोत, भारती वैष्णव सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

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