अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के बैनर का लोकार्पण |
रविवार, सितंबर 25, 2022
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के बैनर का लोकार्पण युगप्रधान अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में
बुधवार, जुलाई 20, 2022
Over 10K youngsters join the 'No Plastic' movement in Rajasthan's Chappar town
मंगलवार, जुलाई 12, 2022
उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू से अभातेयुप पदाधिकारियों की MBDD के सन्दर्भ में शिष्टाचार भेंट
नई दिल्ली, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में सम्पूर्ण देश और देश से बाहर आगामी 17 सितंबर को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है। अभातेयुप अपने शाखा परिषदों के माध्यम से व अन्य संस्थाओं के सहयोग से इस मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के तहत पूरे देश में एक दिन में 2000 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन करके नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है ।
अभातेयुप के राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार अंकुर बोरदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी संदर्भ में देश के माननीय उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू से अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के महामंत्री पवन मांडोत एवं भूतपूर्व अध्यक्ष विमल कटारिया ने शिष्टाचार भेंट की एवं अपने इस अभियान व महनीय सेवा कार्य से उपराष्ट्रपतिजी को अवगत कराया । इस अवसर पर महामंत्री पवन मांडोत ने उपराष्ट्रपतिजी को बताया कि हमारी संस्था गत 5 जून को देश का पांच चिन्हित क्षेत्रों से इस सेवा कार्य का आगाज कर चुकी है। पूर्व अध्यक्ष विमल कटारिया ने बताया की पूरे देश और नेपाल में फैली हमारी 354 शाखाओं के साथ साथ देश की अन्य कई समाज सेवी संस्थाएं भी इस महाभियान में जुड़ने के लिए आगे आ रही है । माननीय उपराष्ट्रपति जी ने संस्था के सेवा कार्यो की सराहना करते हुए 17 सितंबर को होने वाले इस मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव को अपना महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया । विदित रहे कि मानव सेवा, देश सेवा, राष्ट्र सेवा के इस क्रम में यह संस्था पहले भी कई कीर्तिमान रच चुकी है ।
साभार : डॉ श्रीमती कुसुम लुनिया
सोमवार, जुलाई 11, 2022
अर्हतों के अनुभवों का सार है आगम : युगप्रधान आचार्य महाश्रमण
छापरवासियों को प्रतिकूल परिस्थति में भी मानसिक शांति बनाए रखने की दी पावन प्रेरणा
आसपास के क्षेत्रों से गुरु सन्निधि में चतुर्मास करने पहुंच रहीं हैं चारित्रात्माएं
11.07.2022, सोमवार, छापर, चूरू (राजस्थान) , जैन आगमों में विभिन्न विषयों से संबंधित वर्णन प्राप्त होता है। हालांकि आगम आम आदमी के समझ में न भी आए, क्योंकि इसकी भाषा प्राकृत या अर्धमागधी है। आगमों की वाणी का अर्थ उसके हिन्दी अनुवाद अथवा टिप्पण आदि के माध्यम से जाना जा सकता है। जैन धर्म में बत्तीस आगम मान्य हैं। परम पूज्य आचार्य तुलसी के समय में आगम सम्पादन का कार्य प्रारम्भ हुआ था। इस कार्य में आचार्य महाप्रज्ञजी का कितना श्रम लगा। लगभग सभी आगमों के मूल पाठ के संपादन का कार्य तो गया, अब उनका अनुवाद, टिप्पण और परिशिष्ट आदि का कार्य आज भी गतिमान है। आगमों से अनेक विषयों का वर्णन मिलता है। सृष्टि, संसार की जानकारी मिलती है। अध्यात्म की साधना में क्या करणीय और क्या अकरणीय का ज्ञान प्राप्त होता है।
हमारे यहां नवदीक्षित साधु-साध्वियां दसवेंआलियं ग्रन्थ को कंठस्थ करते हैं। इस आगम के माध्यम से साधुचर्या का प्रशस्त मार्गदर्शन प्राप्त होता है। साधु को कैसे बोलना, किसी प्रकार गोचरी करना, विनय करना, साधुओं के पंच महाव्रत व हिंसा से बचने का वर्णन भी इस छोटे-से ग्रंथ से प्राप्त हो जाता है। साधु के लक्षण को जानने के लिए यह ग्रन्थ आदर्श है। आगमों में कितना तत्त्वज्ञान भरा हुआ है। ज्ञान के संदर्भ में नंदीसूत्र को देखा जा सकता है। इस प्रकार आगमों से विविध विषयों के संदर्भ में ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए मानों यह कहा जा सकता है कि अर्हतों के अनुभवों का सार है आगम। इसलिए आगमों अध्ययन आदि करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। ज्ञान की प्राप्ति कर अपने जीवन को मोक्ष की दिशा में ले जाने का प्रयास कर सकता है। उक्त पावन प्रेरणा जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने छापर चतुर्मास प्रवासस्थल में बने भव्य में एवं विशाल प्रवचन पण्डाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रदान की।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि यह संसार अनित्य है और यह जीवन अधु्रव है। यहां की दुःख की बहुलता है। जीवन में अनेक रूपों में दुःख प्राप्त होता है। कभी शारीरिक तो कभी मानसिक दुःख प्राप्त होता है। इसलिए आदमी आगमों के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर अपने मन में शांति बनाए रखने और चित्त को प्रसन्न बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। आगे की दुर्गति से बचने के लिए आदमी को सत्संगति के माध्यम से ज्ञानार्जन कर अपने जीवन को परमसुख अर्थात् मोक्ष की दिशा में जाने का प्रयास करे।
तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टामाचार्य कालूगणी की जन्मभूमि में वर्ष 2022 के चतुर्मास हेतु पधारे आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में आसपास के क्षेत्रों की चारित्रात्माएं भी गुरुकुलवास में चतुर्मास हेतु उपस्थित हो रही हैं। कार्यक्रम के दौरान बीदासर से साध्वी साधनाश्रीजी व साध्वी अमितप्रभाजी ने अपनी सहवर्ती साध्वियों के साथ दर्शन कर हृदयोद्गार व्यक्त करते हुए सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। आचार्यश्री ने साध्वियों को पावन आशीर्वाद प्रदान किया। आचार्यश्री के दर्शन कर साध्वियां हर्षविभोर नजर आ रही थीं।
कार्यक्रम में श्री झंकार दुधोड़िया, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री श्री दिलीप मालू व श्रीमती तारामणि दुधोड़िया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। गुवाहाटी व छापर की तेरापंथ महिला मण्डल, भ्राताद्वय श्री सुरेन्द्र-नरेन्द्र कुमार नाहटा, अणुव्रत समिति की महिला सदस्याओं व श्री राहुल बैद ने पृथक्-पृथक् गीत का संगान कर आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।
साभार : महासभा कैम्प ऑफिस
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सोमवार, जून 27, 2022
हर कोई अपने जीवन में अपनी लड़ाई लड़ रहा है
ये एक सरल चित्र है, लेकिन बहुत ही गहरे अर्थ के साथ
आदमी को पता नहीं है कि नीचे सांप है और महिला को नहीं पता है कि आदमी भी किसी पत्थर से दबा हुआ है।
महिला सोचती है : - ‘मैं गिरने वाली हूं और मैं नहीं चढ़ सकती क्योंकि साँप मुझे काट रहा है।" आदमी अधिक ताक़त का उपयोग करके मुझे ऊपर क्यों नहीं खींचता!
आदमी सोचता है :- "मैं बहुत दर्द में हूं फिर भी मैं आपको उतना ही खींच रहा हूँ जितना मैं कर सकता हूँ! आप खुद कोशिश क्यों नहीं करती और कठिन चढ़ाई को पार कर लेती । आदमी को ये नहीं पता है कि औरत को सांप काट रहा है ।
नैतिकता : - आप उस दबाव को देख नहीं सकते जो सामने वाला झेल रहा है, और ठीक उसी तरह सामने वाला भी उस दर्द को नहीं देख सकता जिसमें आप हैं।
यह जीवन है, भले ही यह काम, परिवार, भावनाओं, दोस्तों, के साथ हो, आपको एक-दूसरे को समझने की कोशिश करनी चाहिए, अलग अलग सोचना, एक-दूसरे के बारे में सोचना और बेहतर तालमेल बिठाना चाहिए।
हर कोई अपने जीवन में अपनी लड़ाई लड़ रहा है और सबके अपने अपने दुख हैं। इसीलिए कम से कम जब हम अपनों से मिलते हैं तब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने के बजाय एक दूसरे को प्यार, स्नेह और साथ रहने की खुशी का एहसास दें, जीवन की इस यात्रा को लड़ने की बजाय प्यार और भरोसे पर आसानी से पार किया जा सकता है।
साभार : फेसबुक