राजनीति के क्षेत्र में शुचिता की शांतिदूत ने प्रदान की प्रेरणा
भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दर्शन कर पाया आशीष
15-09-2019 रविवार , कुम्बलगोडु, कर्नाटक, जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के अधिशास्ता तीर्थंकर प्रभु महावीर के प्रतिनिधि आचार्य श्री महाश्रमण का बेंगलुरु की धरा पर दक्षिण भारत का द्वितीय चातुर्मास प्रवर्धमान है। पर्युषण महापर्व के बाद से अनेक गांवों व शहरों का श्रावक समाज एक के बाद एक संघ रूप में गुरु दर्शनार्थ पहुंच रहा हैं।
रविवार को महाश्रमण समवसरण में उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण जी ने कहा - जब व्यक्ति के मन में अपराध की चेतना उभर जाती है तो वह हिंसा, चोरी आदि दुष्कृत्य करने लग जाता है। ऐसी विकृत चेतना तब पैदा होती है जब ज्ञान और दर्शन का अभाव होता है। लोभ और आवेश हिंसा के प्रमुख कारण है और मोह जितना कमजोर होता है उतना ही हमारी आत्मा निर्मल होती है।
आचार्य प्रवर ने आगे फरमाया कि जीवन में अगर इच्छाओं का सीमाकरण हो जाए तो मोह कमजोर हो जाएगा। त्याग , तपस्या और जप मोह को निष्फल करने के श्रेष्ठ साधन है।
बेंगलुरु में अब तक 40 मासखमण
चातुर्मास काल में बेंगलुरु में हो रही तपस्याओं के संदर्भ में महातपस्वी ने कहा - तपस्या करना कोई आसान काम नहीं है। शौर्य शक्ति का क्षयोपशम होने से ही लंबी तपस्या हो सकती है। बेंगलुरु में 40 मासखमण होना कोई सामान्य बात नहीं है। लोग तपस्या में आगे बढ़ रहे हैं यह अपने आप में अनूठा है।
राजनीति के क्षेत्र में सुचिता की प्रेरणा देते हुए अनुव्रत अनुशास्ता ने कहा राजनीति सेवा का माध्यम है। राजनीति में शुद्धता और नैतिकता बनी रहे तो समाज और देश का अच्छा विकास हो सकता है।
प्रवचन के दौरान भाजपा के महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आचार्य श्री से सन 2021 में इंदौर में जन्मोत्सव एवं पटोत्सव ससमारोह मनाने की अर्ज की एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर साध्वी जिनप्रभा जी की पुस्तक ' जैन विद्या का प्रवेश द्वार : पच्चीस बोल' का विमोचन हुआ।
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