जागरूकता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जागरूकता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, मार्च 22, 2021

मार्च एन्डिंग में जांचे स्वयं के जीवन की बैलेंस शीट


इस मार्च एन्डिंग में जीवन की बैलेंस शीट जांचने की इच्छा हुई तो पाया कि प्रेम, स्नेह, आत्मीयता, भाईचारा, कर्तव्यनिष्ठा के खाते ही गायब हैं।

मन के 'मुनीम' से पूछा तो वो बोला - सर  जी, वर्षो से इनके साथ कोई लेनदेन हुआ ही नहीं।।।
  
ना जाने कितने रिश्ते, ख़त्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं ही सही हूँ, और सिर्फ़ मैं ही सही हूँ...!!

हम सभी के साथ कही ना कही ऐसा हो रहा है। हम भी अपना बेलेंसशिट चेक करे कही हम मैं के खातिर हम को तो नहीं भूल रहें। मैं एक अंगुली जैसी होती है और हम मुट्ठी जैसी। एकता मुट्ठी में ही होती है। अब समय है रिश्तों को सुधारने का सबके साथ वैचारिक मतभेद दूर करने का, आपसी सम्बन्ध व्यवस्थित करने का क्योकि रिश्ते बनाते सालों बीत जाते है पर टूट एक पल में जाते है क्योकि दिल तो बच्चा है जी वैसे बच्चा सरल होने के साथ साथ चंचल भी होता है।

पंकज नाम में जल व कीचड़ का योग मिलता है और कहते है कीचड़ में रहते हुए भी वो कीचड़ से निर्लिप्त रहता है। हम आज विश्व जल दिवस के अवसर पर संकल्पित हो की हम द्वेष रूपी कीचड़ से ऊपर उठकर जल रूपी पवित्र जीवन जिए क्योकि जल है तो जीवन है वैसे ही पवित्रता है, विश्वास है, मधुरता है तो जीवन अमृतमय बन जाता है।

अग्रेषित Whatsapp सन्देश साथ मेरे भावों के समावेश पर अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें - पंकज दुधोडिया

शनिवार, अप्रैल 25, 2020

मधुमक्खी से मिली प्रेरणा कोई आपका Creation चुरा जा सकता है Talent नहीं - पंकज दुधोडिया


💤💫 बहुत सुन्दर सन्देश 💫💤

एक चिड़िया ने मधुमक्खी से पूछा कि तुम इतनी मेहनत से शहद बनाती हो और इंसान आकर उसे चुरा ले जाता है, तुम्हें बुरा नहीं लगता ??
मधुमक्खी ने बहुत सुंदर मार्मिक जवाब दिया :
इंसान मेरा शहद ही चुरा सकता है पर मेरी शहद बनाने की कला नहीं !!
कोई भी आपका Creation चुरा सकता है पर आपका Talent (हुनर) नहीं चुरा सकता।

Whatsaap पर आये इस अग्रेषित मैसेज को पढ़ने के बाद ऐसा विचार (फिलिंग) मन में आया की चिंतन कितना विशाल है सकारात्मक है मधुमक्खी का की शहद चुरा सकता है पर टेलेंट नहीं।


इस सकारात्मक प्रेरणा देने वाले मैसेज के साथ मैं भी कुछ अपने विचार जोड़ रहा हूँ।


हम 84 लाख जीवयोनी मे मनुष्य जीवन को श्रेष्ठ मानते है। हम माने भी क्यों ना मनुष्य चिंतनशील प्राणी होता है।
यह अलग बात है चिंतन हम किस दिशा में करते है सकारात्मक दिशा या नकारात्मक दिशा यह हम विचार करें।

उपरोक्त FWD मैसेज में जो सकारात्मक जबाब मधुमक्खी ने दिया वो वास्तव में सीख प्रदान करता है की हम कभी जीवन में हतास ना हो सुख दुःख, ख़ुशी गम, आते रहेगे जाते रहेगे। पर हमें हर भाव में सकारात्मक सोच के साथ प्रसन्न रहना है। अपने विचार को सकारात्मक सोच से भावीत करना है। तभी हम जीवन की वास्तविक कड़वाहट के साथ साथ मिठास का अनुभव कर पायेगे। 
यह विचार मेरे स्वयं पर भी लागू होती है क्योकि हम लिखते तो बहुत है पर उसे जीवन में कितना अपनाते है यह महत्वपूर्ण है। हम जीवन में पढ़ते तो बहुत है पर उसे कितना आत्मसात करते है यह महत्वपूर्ण है।
हम आईने को रोज देखते है आइना हमें प्रतिबिम्ब दिखाता है कुछ ऐसा ही प्रतिबिम्ब हमें हमारी आत्मा में भी देखने का प्रयास करना चाहिए। प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग करना चाहिए। आत्मावलोकन, आत्मवलोचन करना चाहिए व सदा इसे सकारात्मक चिंतन से भावीत करना चाहिए। जिससे हम ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण कर पाये की हमारा Creation कोई भले ही चुरा ले पर हम अपने Talent के बल पर पुनः सकारात्मक सोच, सकारात्मक कार्य से आगे बढ़ते हुए जीवन में विकास के सोपान चढ़ते जाए।
यदि हम अपनी ऊर्जा प्रयास के द्वारा मन वचन काया के माध्यम से होने वाले निगेटिव सोच को हटा सकारात्मक सोच को स्थापित कर पाये तो हो सकता है हम नव युग का निर्माण कर दें।
क्योकि हमारी सोच ही हमें ऊंचाई प्रदान करती है और हमारी सोच ही हमें निचे गिराती है।
मैं पंकज धन्यवाद देना चाहूँगा जिसने भी उपरोक्त मैसेज बनाया है और जिन्होंने FWD किया उनके माध्यम से प्राप्त मैसेज से यही सकारात्मक विचार आया की हम चिंतित ना हो, हतास ना हो हम अपने पुरुषार्थ से पुनः प्रयास करे जिससे हम जीवन में प्रगति कर सकते है।


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10155256602639451&id=641524450

रविवार, मार्च 15, 2020

कोरोना मार्केट मंदी सोशल मीडिया और जागरूकता : करुणा कोठारी

श्रीमती करुणा कोठारी
आज पूरा विश्व एक ही डर के साये में जी रहा है,पूरे विश्व मे एक आतंक है। आपसी मतभेदों को भुला कर आज सब साथ खड़े है। एक छोटे से वायरस ने ना सिर्फ आम जनजीवन को प्रभावित किया है वरन पूरे विश्व मे एक इमरजेंसी जैसा माहौल बना दिया है। आर्थिक मंदी से जूझते विश्व मे कोरोना के कारण गिरावट आई है। वैश्विक मार्केट पर इसका सीधा प्रभाव दिख रहा है।

इससे पूर्व भी कई बार विभिन्न आपदाओं के कारण विश्व आर्थिक मंदी से गुजरा है,कई बीमारियों के कारण विश्व के हालात पर भी असर पड़ा है। फिर इस बार अचानक इतना व्यापक रूप कैसे लिया वायरस ने। इसे इतनी व्यापकता के साथ फैलाने में कही ना कही एक महत्वपूर्ण रोल सोशल मीडिया ने भी निभाया है।

कोरोना वायरस कोविड 19 जिसकी पुष्टि चीन के वुहान शहर में सबसे पहले हुई और फिर अचानक से पुर चीन में इस वायरस के पेशेंट दिखाई देने लगे। चीन में अभी न्यू ईयर का माहौल होता है और ये वक़्त होता है जब चीन की अर्थव्यवस्था उछाल पर होती है। लेकिन इस वायरस ने लोगो को घर तक सीमित कर दिया व्यापार ठप्प हो गया। चीन में सबसे ज्यादा उपभोक्ता है जिसके कारण विश्व की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में चीन का योगदान भी है।साथ ही आयात के साथ निर्यात भी बंद हो गया। विधवा के कई देश कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर है जिसमे मोबाईल से लेकर रोजमर्रा की चीजें भी है।

पहले से आर्थिक मंदी का असर विश्व के कई देशों पर दिख रहा था लेकिन अब तो अमेरिका जैसे देश पर भी ये संकट महसूस किया जा सकता है।

चीन के सामानों का उपभोक्ता मार्केट में पिछले 10 से 15 वर्षो में ज्यादा बड़ा है। हर छोटी बड़ी वस्तु को सस्ता करके लोगो मे एक तरह से उनकी लत ही लगा दी गई। चीन में शायद सबसे ज्यादा रिसर्च यही होती है कि किस तरह आम आदमी के बजट में हम नवीन वस्तुओं को लांच कर सके और ये कहना गलत नही होगा कि इसमें चीन सफल भी हुआ है।

लेकिन आज जब चीन मार्केट बंद है तो स्थानीय स्तर पर वही वस्तुए अधिक या दुगुने दाम में भी बिक रही है। ऐसे माहौल में व्यक्तिगत रूप से भी मंदी बढ़ेगी,जो लोग इस बीमारी के कारण शाकाहार की ओर बढ़ रहे है और घर के खाने को ज्यादा महत्व दे रहे है उसका असर होटल व्यवसाय ओर किराना स्टोर पर दिख रहा है।

हैंड वाश ओर सेनिटाइजर जिनके दाम पिछले कुछ दिनों में जिस तरह बड़े है क्या आम व्यक्ति की पहुंच में है एक व्यक्ति जो सड़क पर अपना ठेला लगा कर परिवार का पालन करता है ये सब उसकी पहुँच से बाहर है,उसका व्यवसाय तो लगभग बंद ही हो गया है।

सरकार को इस समय इस तबके विशेष के लिए भी सोचना आवश्यक है जिनके लिए 2 जून की रोटी मुश्किल है वो कोरोना से बच कर भुखमरी की गिरफ्त में ना पहुच जाए।

सोशल मीडिया पर कोरोना से बचाव के जितने मेसेज आ रहे है उनकी सत्यता संदिग्ध है। फिर वो कोई भी मेसेज क्यो ना हो यहाँ किसी खाने की चीज का या कुछ और करने का लिख कर हम उस मेसेज को आगे नही बढ़ाना चाहते।

लेकिन जब तक उनकी सत्यता सिद्ध ना हो हम ऐसे बिना प्रमाण वाले निम हकीम से दूरी ही रखे। जिस तरह गाड़ी के पीछे लिखा होता है कीप डिस्टेंस दूरी बनाए रखे बस इसी लाइन को अपने जीवन मे अपना ले और शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखे। हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते कहे हाथ पैरों को अच्छे धोए किसी से बात करते समय मुह पर मास्क या कपड़ा रखे।घर से बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करे ये कोरोना के साथ प्रदूषित हवा से भी बचाएगा। सर्दी खांसी सांस फूलना बुखार आना चाहे मौसमी ही क्यो ना हो डॉ से जल्द से जल्द सम्पर्क करें।

क्योकि बचाव ही सुरक्षा है। प्रतिदिन प्रातः उठते ही ओर रात को सोने से पूर्व अपने सकारात्मक प्रार्थना अवश्य करे कि आप स्वस्थ है आपकी रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति अच्छी है।आपका मन शांत है,आपके भीतर की ऊर्जा आपके मनोबल को मजबूत कर रही है और आप खुश है।

किसी भी प्रकार के डर को खुद पर हावी ना होने दे व्यस्त रहे जिससे फालतू की बातों से दूर रह सके,ओर सिर्फ सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी की बातों पर ध्यान दे।सोशल मीडिया पर कोई मेसेज आये जीसमे किसी भी इलाज की जनकारी हो तो उसे फॉरवर्ड करने से पहले देख ले कि वो सम्बंधित संस्था के लेटर पेड़ पर है या नही।अपवाहों को फैलने से रोकना भी कोरोना को रोकने के लिए एक सफल प्रयास ही होगा।

देश जिस विकट हालातो का सामना कर रहा है उस समय सब एकजुटता से एकसाथ खड़े रहे।

लेखिका प्रबुद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, विचारक होने के साथ साथ JTN मुम्बई की प्रतिनिधि भी है।