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मंगलवार, अप्रैल 04, 2023

भगवान महावीर के उपदेश समग्र मानव जाति के लिए कल्याणकारी है - मुनि उदित कुमार

अहिंसा के अग्रदूत भगवान महावीर का 2622 वें जन्म कल्याणक दिवस मुनिश्री उदित कुमार जी के सान्निध्य में उधना में आयोजित हुआ। इस अवसर पर उधना में जैनों के चारों संप्रदाय द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें चारों संप्रदाय के श्रावक श्राविकाओं ने विशाल संख्या में भाग लिया। रैली महावीर भवन उधना से शुरू होकर आचार्य तुलसी मार्ग, आचार्य तुलसी सर्कल, उधना मैन रोड,चन्दनवन सोसाइटी होते हुए तेरापंथ भवन उधना में धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुई। 

मुनि श्री उदित कुमार जी ने अपने उद्बोधन में फरमाया- भगवान महावीर ने सभी को अहिंसा का उपदेश दिया। भगवान महावीर ने कहा कोई ऊंचा नहीं होता कोई नीचा नहीं होता। सभी जीव एक समान होते हैं, इसलिए हमें सभी से समान व्यवहार करना चाहिए। सभी को अपना जीव प्यारा लगता है । किसी को सताना नहीं चाहिए। भगवान महावीर ने हमें कर्मवाद का सिद्धांत दिया। मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल भोगना पड़ता है व्यक्ति किसी का अहित चिंता ना करें। भगवान महावीर के उपदेश आज के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत मुनि श्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ हुई। तत्पश्चात उधना महिला मंडल, स्थानकवासी महिला मंडल और तेरापंथ भजन मंडली द्वारा गीतों की प्रस्तुति दी गई। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा सुंदर नाटिका की प्रस्तुति की गई। सभा अध्यक्ष श्री बसंतीलाल नाहर ने स्वागत वक्तव्य में आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। स्थानकवासी संप्रदाय से महामंत्री श्री राजू भाई दानी ने भी अपने भावों की प्रस्तुति दी। मुनि श्री अनंत कुमारजी ने अपने प्रासंगिक विचार रखे। मुनि श्री रम्य कुमार जी ने सुंदर गीतिका की प्रस्तुति दी।

 इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उधना क्षेत्र के विधायक श्री मनु भाई पटेल, स्टैंडिंग चेयरमैन श्री परेश भाई पटेल,स्लम चेयरमैन श्री दिनेश राजपुरोहित, पीएसी रेलवे कमेटी मेंबर श्री छोटू भाई पाटिल, नगरसेवक श्री दीनानाथ महाजन, नगर सेविका श्रीमती उर्मिला त्रिपाठी,पूर्व नगरसेवक श्री प्रकाश भाई देसाई, श्री मूलजीभाई ठक्कर, श्री शैलेंद्र त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री श्री सुरेश चपलोत ने किया। आभार ज्ञापन श्री संजय बोथरा ने किया।

सोमवार, अप्रैल 06, 2020

महावीर प्रभु की वाणी दुनिया को आज अपनाने की ज़रूरत है - जयंत सेठिया

दुनिया वालों याद करो महावीर प्रभु की वाणी को
आज ज़रूरत दुनिया में इस वाणी की हर प्राणी को

जब सम्पूर्ण विश्व आज एक समस्या से सामना कर रहा है ऐसे समय में भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान की आवश्यकता है।
पिता राजा सिद्धार्थ और माता त्रिशला ने बालक वर्धमान को जन्म दिया। वर्धमान से महावीर तक का सफ़र आसान नहीं था, संसार के सुख-वैभव छोड़कर अपनी इच्छा से कष्ट सहन करना, जब तक माता-पिता जीवित हैं तब तक उनकी सेवा और तत्पश्चात् अपना सम्पूर्ण जीवन संसार के कल्याण के लिए अर्पित करना, अवतरित महापुरुष ही इस पथ पर चल सकते हैं।
भगवान महावीर ने आत्मा को महत्व देते हुए बताया की प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है, आनंद बाहर से नहीं आता.
भगवान ने असली शत्रु लालच, द्वेष, क्रोध, घमंड, आसक्ति इत्यादि को बताया और कहा ये शत्रु हमारे भीतर रहते हैं, इन पर विजय प्राप्त करना बाहरी शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से बेहतर है।
हर जीवित प्राणी, चाहे वह एकेंद्रिय हो या पंचेंद्रिय, के प्रति समभाव और दयाभाव ही अहिंसा है, घृणा से मनुष्य का विनाश होता है। भगवान ने अहिंसा के महत्व को बताया।
भगवान महावीर ने अपने जीवन को रोशन करने के साथ-साथ दूसरों के जीवन के अंधेरे को भी दूर करते हुए जैन धर्म प्रतिपादित किया। जीवन में मोक्ष पाने के हर रास्ते पर पहले स्वयं चले जिसमें भव्य सफलता प्राप्त करने के बाद उन्होंने जगत को बताया की मनुष्य जीवन मोक्ष पाने की उत्तम सेवा है और पिछले जन्मों में किए हर बंधन से मुक्त होने का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
तप, धर्म और दया इन बातों को प्राप्त करने के लिए अपने जीवन में साढ़े बारह वर्षों तक कठोर साधना करने के बाद उन्हें केवलज्ञान प्राप्त हुआ और बाद में परम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त किया। 
आत्मा को परमात्मा बनाने वाले और दुनिया को अहिंसा सिखाने वाले भगवान महावीर का जन्म कल्याणक  मनाना तब सार्थक होगा जब हम महावीर के दिए उपदेशों को जीवन में अपनाएँ।

जयंत सेठिया, गंगाशहर