श्रीमती करुणा कोठारी |
आज पूरा विश्व एक ही डर के साये में जी रहा है,पूरे विश्व मे एक आतंक है। आपसी मतभेदों को भुला कर आज सब साथ खड़े है। एक छोटे से वायरस ने ना सिर्फ आम जनजीवन को प्रभावित किया है वरन पूरे विश्व मे एक इमरजेंसी जैसा माहौल बना दिया है। आर्थिक मंदी से जूझते विश्व मे कोरोना के कारण गिरावट आई है। वैश्विक मार्केट पर इसका सीधा प्रभाव दिख रहा है।
इससे पूर्व भी कई बार विभिन्न आपदाओं के कारण विश्व आर्थिक मंदी से गुजरा है,कई बीमारियों के कारण विश्व के हालात पर भी असर पड़ा है। फिर इस बार अचानक इतना व्यापक रूप कैसे लिया वायरस ने। इसे इतनी व्यापकता के साथ फैलाने में कही ना कही एक महत्वपूर्ण रोल सोशल मीडिया ने भी निभाया है।
कोरोना वायरस कोविड 19 जिसकी पुष्टि चीन के वुहान शहर में सबसे पहले हुई और फिर अचानक से पुर चीन में इस वायरस के पेशेंट दिखाई देने लगे। चीन में अभी न्यू ईयर का माहौल होता है और ये वक़्त होता है जब चीन की अर्थव्यवस्था उछाल पर होती है। लेकिन इस वायरस ने लोगो को घर तक सीमित कर दिया व्यापार ठप्प हो गया। चीन में सबसे ज्यादा उपभोक्ता है जिसके कारण विश्व की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में चीन का योगदान भी है।साथ ही आयात के साथ निर्यात भी बंद हो गया। विधवा के कई देश कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर है जिसमे मोबाईल से लेकर रोजमर्रा की चीजें भी है।
पहले से आर्थिक मंदी का असर विश्व के कई देशों पर दिख रहा था लेकिन अब तो अमेरिका जैसे देश पर भी ये संकट महसूस किया जा सकता है।
चीन के सामानों का उपभोक्ता मार्केट में पिछले 10 से 15 वर्षो में ज्यादा बड़ा है। हर छोटी बड़ी वस्तु को सस्ता करके लोगो मे एक तरह से उनकी लत ही लगा दी गई। चीन में शायद सबसे ज्यादा रिसर्च यही होती है कि किस तरह आम आदमी के बजट में हम नवीन वस्तुओं को लांच कर सके और ये कहना गलत नही होगा कि इसमें चीन सफल भी हुआ है।
लेकिन आज जब चीन मार्केट बंद है तो स्थानीय स्तर पर वही वस्तुए अधिक या दुगुने दाम में भी बिक रही है। ऐसे माहौल में व्यक्तिगत रूप से भी मंदी बढ़ेगी,जो लोग इस बीमारी के कारण शाकाहार की ओर बढ़ रहे है और घर के खाने को ज्यादा महत्व दे रहे है उसका असर होटल व्यवसाय ओर किराना स्टोर पर दिख रहा है।
हैंड वाश ओर सेनिटाइजर जिनके दाम पिछले कुछ दिनों में जिस तरह बड़े है क्या आम व्यक्ति की पहुंच में है एक व्यक्ति जो सड़क पर अपना ठेला लगा कर परिवार का पालन करता है ये सब उसकी पहुँच से बाहर है,उसका व्यवसाय तो लगभग बंद ही हो गया है।
सरकार को इस समय इस तबके विशेष के लिए भी सोचना आवश्यक है जिनके लिए 2 जून की रोटी मुश्किल है वो कोरोना से बच कर भुखमरी की गिरफ्त में ना पहुच जाए।
सोशल मीडिया पर कोरोना से बचाव के जितने मेसेज आ रहे है उनकी सत्यता संदिग्ध है। फिर वो कोई भी मेसेज क्यो ना हो यहाँ किसी खाने की चीज का या कुछ और करने का लिख कर हम उस मेसेज को आगे नही बढ़ाना चाहते।
लेकिन जब तक उनकी सत्यता सिद्ध ना हो हम ऐसे बिना प्रमाण वाले निम हकीम से दूरी ही रखे। जिस तरह गाड़ी के पीछे लिखा होता है कीप डिस्टेंस दूरी बनाए रखे बस इसी लाइन को अपने जीवन मे अपना ले और शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखे। हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते कहे हाथ पैरों को अच्छे धोए किसी से बात करते समय मुह पर मास्क या कपड़ा रखे।घर से बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करे ये कोरोना के साथ प्रदूषित हवा से भी बचाएगा। सर्दी खांसी सांस फूलना बुखार आना चाहे मौसमी ही क्यो ना हो डॉ से जल्द से जल्द सम्पर्क करें।
क्योकि बचाव ही सुरक्षा है। प्रतिदिन प्रातः उठते ही ओर रात को सोने से पूर्व अपने सकारात्मक प्रार्थना अवश्य करे कि आप स्वस्थ है आपकी रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति अच्छी है।आपका मन शांत है,आपके भीतर की ऊर्जा आपके मनोबल को मजबूत कर रही है और आप खुश है।
किसी भी प्रकार के डर को खुद पर हावी ना होने दे व्यस्त रहे जिससे फालतू की बातों से दूर रह सके,ओर सिर्फ सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी की बातों पर ध्यान दे।सोशल मीडिया पर कोई मेसेज आये जीसमे किसी भी इलाज की जनकारी हो तो उसे फॉरवर्ड करने से पहले देख ले कि वो सम्बंधित संस्था के लेटर पेड़ पर है या नही।अपवाहों को फैलने से रोकना भी कोरोना को रोकने के लिए एक सफल प्रयास ही होगा।
देश जिस विकट हालातो का सामना कर रहा है उस समय सब एकजुटता से एकसाथ खड़े रहे।
लेखिका प्रबुद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, विचारक होने के साथ साथ JTN मुम्बई की प्रतिनिधि भी है।